#Unnao_rape_victim ने आज section 164 CrPC के तहत अपना बयान CBI court में दर्ज करा दिया है।
तो आइए जानते हैं क्या है section 164 CrPC
दरअसल इसी धारा के तहत कोई अपराधी अपना जुर्म कबूल करता है या फिर कोई किसी का बयान दर्ज करता है न कि पुलिस के सामने बल्कि कोर्ट के सामने और उन्नाव मामले में यहां रेप विक्टिम ने अपना बयान दर्ज किया है।
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि पुलिस के सामने दिया हुआ बयान और कोर्ट के सामने दिया हुआ बयान एक हो क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि पुलिस के दबाव में आने का बाद लोग थाने में उन्हें पुलिस की मार की वजह से झूठ बोलना पड़ता है और वैसे भी कोर्ट को पुलिस की बातों पर भरोसा नहीं है उनके सामने दिये हुए बयान की मान्यता भी नहीं है।
Indian Evidence Act के section 25 में भी यही बोला गया है और crpc के section 162 में भी यही कहा गया है कि पुलिस के सामने दिये बयान को बहुत ही लिमिटेड पर्रपज के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। कोर्ट के सामने दिया हुआ बयान ही सही बयान माना जाता है और उसे ही आधिकारिक तौर पर दर्ज किया जाता है।
कोर्ट के सामने झूठा बयान देने पर..
अब यहां पर ये बात आती है कि अगर आपने कोर्ट के सामने झूठा बयान दिया है और जांच पड़ताल के बाद इसका पता चला जाता है तो आपको किस प्रकार की सजा हो सकती है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि ऐसे में आप पर crpc के section 340 के तहत अदालत द्वारा शिकायत दर्ज की जाएगी और IPC के Section 193 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। दोषी पाये जाने पर आपको 7 साल की सजा हो सकती है।
कृप्या कमेंट बोक्स में अपनी टिप्पणी देकर सुझाव दें।
तो आइए जानते हैं क्या है section 164 CrPC
दरअसल इसी धारा के तहत कोई अपराधी अपना जुर्म कबूल करता है या फिर कोई किसी का बयान दर्ज करता है न कि पुलिस के सामने बल्कि कोर्ट के सामने और उन्नाव मामले में यहां रेप विक्टिम ने अपना बयान दर्ज किया है।
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि पुलिस के सामने दिया हुआ बयान और कोर्ट के सामने दिया हुआ बयान एक हो क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि पुलिस के दबाव में आने का बाद लोग थाने में उन्हें पुलिस की मार की वजह से झूठ बोलना पड़ता है और वैसे भी कोर्ट को पुलिस की बातों पर भरोसा नहीं है उनके सामने दिये हुए बयान की मान्यता भी नहीं है।
Indian Evidence Act के section 25 में भी यही बोला गया है और crpc के section 162 में भी यही कहा गया है कि पुलिस के सामने दिये बयान को बहुत ही लिमिटेड पर्रपज के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। कोर्ट के सामने दिया हुआ बयान ही सही बयान माना जाता है और उसे ही आधिकारिक तौर पर दर्ज किया जाता है।
Shashank Sharma |
कोर्ट के सामने झूठा बयान देने पर..
अब यहां पर ये बात आती है कि अगर आपने कोर्ट के सामने झूठा बयान दिया है और जांच पड़ताल के बाद इसका पता चला जाता है तो आपको किस प्रकार की सजा हो सकती है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि ऐसे में आप पर crpc के section 340 के तहत अदालत द्वारा शिकायत दर्ज की जाएगी और IPC के Section 193 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। दोषी पाये जाने पर आपको 7 साल की सजा हो सकती है।
कृप्या कमेंट बोक्स में अपनी टिप्पणी देकर सुझाव दें।
No comments:
Post a Comment